जय श्रीराधे !
मित्रो , इवेंट जय हिंदुत्व-जय भारत पर रेसपोंस देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !
निश्चित ही इवेंट पेजेस पर हम सबकी सम्मिलित आवाज, सनातन धर्मं एवं संस्कृति का वरदायी सन्देश "सर्वे भवन्तु सुखिनः" के द्वारा समस्त चराचर को सुख-शांति प्रदत्त कर ,, परम मंगलकारी अभिलाषा "बसुधैव कुटुम्बम " के अंचल में ...विनाशकारी आतंकबाद,शत्रुता,राग-द्वेष,छल एवं दंभ को समूल नष्ट कर ..
जन-जन में भगवान श्रीकृष्ण कृपा स्वरुप -भारत सन्देश श्रीमद भगवदगीता को प्रचारित कर इस मातृस्वरुप
परम कल्याणकारी वसुंधरा को सुशोभित करेगी !
हमारी विश्वजई ध्वनि हुँकार सत्य-सनातन विरोधियों जिनकी मंशा-कुकृत्य भारत राष्ट्र-भारत धर्मं को आघात देने की रहती है ,के कलुषित हृदयों को विदीर्ण कर उन सबका मान-मर्दन कर इस धरा से वहिष्कृत करने में सक्षम है ! अतः मित्रो , मुझे विश्वास है कि आप सब इवेंट पेजेस पर एक बार जयकारा घोष लगायेंगे-(कम से कम एक बार जय हिंदुत्व -जय भारत अवश्य लिख अपनी सम्मति प्रदान करेंगे )
मित्रो ,आप धर्म सेवा -राष्ट्र सेवा में प्रस्तुत सन्देश को कॉपी-पेष्ट कर अपने सभी मित्रों-परिचितों को पोस्ट करेंगे ...मैं "स्वीट राधिका राधे-राधे" आपको भरोसा देती हूँ कि यह कार्य-सेवा ( पोस्ट करना ) आपको भगवान श्रीकृष्ण की अहैतुकी -अपरम्पार कृपा भक्ति प्रदान करेगा !! आप माँ भारती का वात्सल्य स्नेह प्राप्त कर सत्य की ओर आरुढ़ित होंगे !
राधे-राधे श्याम
जय सीताराम
पार्वती पत्ये हर-हर महादेव !!
जो बोले सो विजय-सनातन धर्मं की जय !!
विश्व का कल्याण हो!!
गौमाता की जय !!
अधर्म का नाश हो !!
पापियों का संहार हो !!
मित्रो, आप भी निम्नांकित लिंक के द्वारा ..वरदाम-सुखदाम इवेंट जय हिंदुत्वा-जय भारत से जुड़कर अपने परिचित-मित्रों को इवेंट में भाग लेने को कह सकते हैं !
अंत में मेरी (स्वीट राधिका राधे-राधे की )आप सबसे विनम्र निवेदन है कि -परम कल्याण सोपान-भक्ति प्रदायी-मंगल मूर्ति-आनंद राशि -पाप नाशक -कलि ताप निवारक (इस इन्टरनेट रूपी घन -घोर कलियुग पर अनंत फलदायी ) आश्रित वांछा कल्पतरु श्रीहरि नाम सुधामृत का गान करते हुए न्यूनतम एक बार हरिनाम महामंत्र अवश्य लिखें -सभी मित्रों को पोस्ट कर लिखने का आग्रह करें -
श्री प्रियालाल रस सेवी आदरणीय भक्तजन -आइये
श्री किशोरीजू-श्रीकृष्ण कांता -श्रीकृष्ण प्रिया- श्री ब्रषभानु दुलारी -श्री वृन्दावनेश्वरी -श्री राधिका जी के पावन-आह्लाद बर्षी-भक्त मन मधुकर मधुर पराग रस रूपी युगल चरणारविंदों में प्राथना-चित्त समर्पित करते हुए -
गाते-गाते लिखें-
हरेकृष्ण-हरेकृष्ण कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे !
हरेराम-हरेराम राम-राम हरे-हरे !!
जय-जय श्री राधे श्याम !!